प्रयागराज महाकुंभ के सबसे पवन मौनी अमावस्या , अमृत स्नान क्यों ,29 जनवरी को होगा ,इसमें तकरीबन 5 करोड़ श्रद्धालु स्नान करेंगे

प्रयागराज महाकुंभ के सबसे पवन मौनी अमावस्या , अमृत स्नान क्यों ,29 जनवरी को होगा ,इसमें तकरीबन 5 करोड़ श्रद्धालु स्नान करेंगे
प्रयागराज महाकुंभ

प्रयागराज महाकुंभ में सबसे पवन मौनी अमावस्या 29 जनवरी को होगा इस दिन कम से कम 5 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान करेंगे,

महाकुंभ के सबसे बड़े स्नान मौनी अमावस्या में तकरीबन 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु इस दिन संगम में स्नान करेंगे।
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन करोड़ों श्रद्धालु स्नान करने पहुंचेंगे। महाकुंभ के दौरान होने वाले अमित स्नान को विशेष रूप से पवित्र माना जाता है बताया जाता है कि सीता से नागा साधुओं को अमृत स्थान के दौरान पहले स्नान करने का अधिकार प्राप्त है इस बार महाकुंभ में तीन अमृत स्नान की तिथियां तय की गई है 14 जनवरी को पहले अमृत स्नान था दूसरा 29 जनवरी को और तीसरा 3 फरवरी को आयोजित किया जाएगा।

मौनी अमावस्या का अमृत स्नान विशेष क्यों है,

मौनी अमावस्या के दिन होने वाला अमृत स्नान अद्वितीय है इस दिन कई शुभ संयोग बनते हैं हमारे सनातन धर्म के अनुसार इस दिन को बहुत पवित्र माना जाता है। इसी कारण साधु संतों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है।
महाकुंभ के दौरान सभी अमृता स्नान का बहुत महत्व है लेकिन मौनी अमावस्या का आध्यात्मिक दृष्टि से सबसे ज्यादा मान्य है इस दिन संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और एक सुनिश्चित मार्ग मिलता है, बताया जाता है कि यह मौनी अमावस्या कब करीब 200 साल बाद आने वाला है

 

त्रिवेणी में अमृत स्नान के लिए यह सभी लोग 24 जनवरी से आना शुरू हो जाएंगे विश्व बंधुत्व का भाव भारतीय संस्कृति का मूल और प्रयागराज महाकुंभ में पलट बाबा के शिष्य महामंडलेश्वर स्वामी विष्णु देवानंद जी के शिविर में इसका झलक देखने को मिल रही है यह हमारे हिंदू धर्म के लिए सबसे पावन अमृत स्नान है

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