महाकुंभ प्रयागराज में भगदड़:
उत्तर प्रदेश प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या को देर रात तकरीबन 2:00 बजे भगदड़ मच गई। जिससे एक मातम सा माहौल बन गया। बताया जा रहा है कि भगदड़ से कई लोग घायल हैं और 5 लोगों की मौत की आशंका बताई जा रही है, प्रयागराज में भगदड़ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से तीन बार फोन पर बात की। उन्होंने भगदड़ की स्थिति का जायजा लिया और उत्तर प्रदेश के सीएम से हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया।
भगदड़ कैसे मची आईए जानते हैं,
स्थानीय लोगों की जानकारी से पता चला कि वहां पर कई लोग सो रहे थे। और पीछे से अचानक बैरियर तोड़ते हुए भीड़ आने लगी जिसके कारण सोए हुए यात्रियों पर चढ़ने और गिरने की वजह से भगदड़ मच गई। कई महिलाएं तो पूर्व से घायल हो गई लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ते हुए जा रहे थे। वजह इतनी भीड़ होने की वजह से गिरने के बाद कोई निकाल नहीं पा रहा था इसलिए कई लोगों की मौत भी हो गई।
प्रयागराज महाकुंभ में अव्यवस्था का ऐसा मंजर कि अपनों की जान बचाने के लिए एक महिला को खुद अपने मुंह से ऑक्सीजन देनी पड़ी! यह सिर्फ एक तस्वीर नही, बल्कि प्रशासन की घोर लापरवाही और असंवेदनशीलता का आईना है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा कब बनेगी सरकार की प्राथमिकता?pic.twitter.com/pFMA6RPZlV
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) January 29, 2025
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान भगदड़ की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति कांग्रेस सेवादल परिवार गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता है।
यह हादसा प्रशासन की अव्यवस्था और VIP संस्कृति को… pic.twitter.com/VHy8wPledS
— Congress Sevadal (@CongressSevadal) January 29, 2025
इस दौरान सभी अखाड़ों दल को अमृत आसाराम करने से रोक दिया गया है।
बता दे की मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करने के लिए देश दुनिया से तकरीबन 10 करोड़ से अधिक लोग स्नान करने पहुंचे थे। यूपी सरकार ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 10 जिला अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है । इस भगदड़ की वजह से आज अमृत स्नान के कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। और भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद की ओर से अमृत स्नान को स्थगित करने का फैसला लिया गया है।

महाकुंभ के सबसे बड़े स्नान मौनी अमावस्या में तकरीबन 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु इस दिन संगम में स्नान करने पहुंचे है।
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन करोड़ों श्रद्धालु स्नान करने पहुंचेंगे। महाकुंभ के दौरान होने वाले अमित स्नान को विशेष रूप से पवित्र माना जाता है बताया जाता है कि सीता से नागा साधुओं को अमृत स्थान के दौरान पहले स्नान करने का अधिकार प्राप्त है ।
मौनी अमावस्या के दिन होने वाला अमृत स्नान अद्वितीय है इस दिन कई शुभ संयोग बनते हैं हमारे सनातन धर्म के अनुसार इस दिन को बहुत पवित्र माना जाता है। इसी कारण साधु संतों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। लेकिन भगदड़ होने की वजह से सभी साधु संतों और सभी अखाड़ों दल को अमृत स्नान करने से रोक दिया गया है।