शांतनु देशपांडे : बॉम्बे सेविंग कंपनी के सीईओ शांतनु देशपांडे हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया।, जिसमें बताया कि भारत में काम करने को “मजबूरी” बताई है। शांतनु देशपांडे का दावा है कि अधिकांश भारतीय अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं है उनका यह भी कहना है कि अगर उनकी फाइनेंशियल जरूरत थोड़ी हो जाती है तो वह काम पर जाना बंद कर देते ।
देशमुख ने बताया कि भारत में काम करना जारी रखने का मुख्य कारण वित्तीय भरण पोषण है उन्होंने लिखा मुझे जो दुखद देर में एहसास हुआ वह यह है कि ज्यादातर लोगों को अपनी नौकरी पसंद नहीं है फिर भी एक मजबूरी के तौर पर आदमी कम कर रहा है। अगर भारत में हर किसी को भरण पोषण के लिए वित्तीय सुरक्षा दी जाए , जो उनकी मौजूदा नौकरी उनको देती है।
Bombay Shaving Company CEO Shantanu Deshpande said “most Indian employees dislike their jobs and would stop working entirely if their financial needs were met … 😲#TrendingNow pic.twitter.com/In7EbmVkWz
— Real Jagannath (@JagannathR78919) January 8, 2025
शांतनु देशपांडे का दावा है कि यदि कोई कर्मचारी आर्थिक रूप से सुरक्षित हो तो 99% परसेंटेज कर्मचारी अपना काम छोड़ देते,
को की टिप्पणी किसी खास क्षेत्र समिति के लिए नहीं थी सभी क्षेत्रों में एंपलॉयर और वर्कर असंतोष रूप में हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं। ब्लू कालर, स्टार्टअप, सरकारी कर्मचारी और यहां तक बीमा विक्रेता भी शामिल है।
देशपांडे ने कहा कि, और यही सच्चाई है ज्यादातर लोगों के लिए शुरुआती बिंदु शून्य होते हैं। और काम करना जीवनसाथी बच्चों बुजुर्गों माता-पिता बहनों के रोजगार जताने के लिए एक मजबूरी है।
भारत के कार्य संस्कृति की तुलना एक, “लटकने वाली गाजर” की प्रणाली से करते हुए उन्होंने कहा किसी व्यक्ति को सुबह रात और कई कई दिनों तक अपने परिवार से दूर रखना वेतन का लालच देकर हम बस यह मान लेते हैं कि ऐसा करना ठीक है क्योंकि हमारा जीवन बिंदु चलना भरण पोषण होना चाहिए, इसीलिए राष्ट्रो निर्माण हुआ है।
शांतनु देशपांडे ने धन असमानता के मुद्दे पर भी बात की देश की संपत्ति का एक हिस्सा सिर्फ 2000 लोगों के पास है उन्होंने कहा कि यह परिवार करो में 1.8% से भी काम योगदान करते हैं।