उत्तरकाशी में बादल फटा और चारों तरफ हुई तबाही,
उत्तराखंड ,उत्तरकाशी -उत्तराखंड में प्रकृति का कर एक बार फिर देखने को मिला है। उत्तरकाशी के धरौली गांँव के पास बादल फटने से भारी तबाही हुई है। अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण कई घर और होटल होमस्टे मलबे में बह गए हैं। जबकि कई लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं।
किस कारण हुई तबाही,
यह घटना मंगलवार को सुबह के समय हुई जब उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के बीच उत्तरकाशी के धारली गांव में बादल फट गया। इससे एक नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। और अपनी अपने साथ भारी मात्रा में मालवा लेकर आया देखते ही देखते इस सैलाब ने गांँव को अपनी चपेट में ले लिया। स्थानीय प्रशासन के अनुसार अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता हैं।
बचाव और राहत अभियान
घटना की जानकारी मिलती ही प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। भारतीय सेवा राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)की टीम में बचाव कार्य में जुट गई है। सेना के जवानों ने तत्परता दिखाते हुए लगभग 15 से 20 लोगों को सुरक्षित निकाला और घायलों को सुना के मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया। बचाव दल लगातार मालवी में दबे हुए लोगों की तलाश कर रहे हैं। सरकार की तरफ से प्रभावित परिवारों को तुरंत आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।
राजनेताओं की प्रतिक्रिया
इस दुखद घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन पर बात की और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि राहत और बचाव कार्य “युद्ध स्तर पर “चल रहे हैं।और सरकार हर प्रभावित परिवार तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
चारों तरफ तबाही से उत्तराखंड में बाढ़ आने का खतरा,
मौसम विभाग ने कुछ दिनों तक उत्तराखंड में खासकर पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इससे भूस्खलन और अचानक बाढ़ का खतरा बना हुआ है। जो बचाव कार्य में भी वाधा डाल सकता है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर पहाड़ों पर रहने वाले लोगों के जीवन की चुनौतियों को उजागर किया है। पूरा देश उत्तरकाशी के लोगों के साथ खड़ा है। और सभी को उम्मीद है कि बचाव कार्य सफल होगा और लापता लोग सुरक्षित रेस्क्यू किया जाएगा।