महाकुंभ प्रयागराज 2025, अमृत संगम स्नान कुंभ मेला

महाकुंभ प्रयागराज
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महाकुंभ प्रयागराज अमृत संगम स्नान 2025
कुंभ मेला और संगम स्नान:

आधुनिक इलाहाबाद में प्रयागराज को हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण संगम तीर्थस्थल स्नान माना जाता है। पौराणिक परंपरागत के अनुसार संगम को अमृत स्नान भी कहा जाता है यहां पर गंगा जमुना सरस्वती जैसी महान नदिया एक साथ मिलती है।

 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, बताया जाता है कि यहां से

यहां से भगवान विष्णु अमृत का घड़ा लेकर जा रहे थे। और अमृत की बूंदे कुछ प्रयागराज में गिरी जिसके कारण माना जाता है कि यहां पर स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है ।

 

महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक संगम,

महाकुंभ मेला भारत में सबसे बड़ा धार्मिक संगम है। यहां पर सबसे पहले स्नान करने वाले नागा बाबा और नागा साधुओं की टोली स्नान करती है, जो अपने शरीर नग्न शरीर को राख से ढकते हैं।
महाकुंभ अमृत स्नान 12 साल बाद लगने वाला या महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से चल रहा है इसमें लगभग श्रद्धालु लगभग पर दे एक करोड़ श्रद्धालु स्नान करते हैं और यह 45 दोनों का लगने वाला महाकुंभ पूरे विश्व के लोग इस महाकुंभ में स्नान करेंगे

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इसकी खास बात कर तो माना जाता है कि यहां स्नान करने वाला व्यक्ति अमृत कुंभ में स्नान कर रहा है। यह 12 किलोमीटर में फैला हुआ महाकुंभ झोपड़िया दुकानों और अनेक साधुओं और महंतों के साधारण भीड़ के उपस्थिति के लिए फैला हुआ है। जिसमें साधुओं की अनगिनतोनियां यहां पर उपस्थित होती है। और सभी यहां गंगा जमुना सरस्वती में स्नान करके अपने मोक्ष की प्राप्ति करते हैं।

2025 में लगने वाला या महाकुंभ तकरीबन 45 दिनों तक लगेगा,

13 जनवरी 2025 से लगा यह अमृत महाकुंभ मैं लगभग इस बार 40 से 45 करोड़ श्रद्धालु स्नान करने वाले हैं। और 15 किलोमीटर दूर तक फैला हुआ या महाकुंभ हमारे सनातन के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है यहां विदेश से लोग स्नान करने आते हैं। यहां पर गंगा का भरा पानी और यमुना का हर पानी और प्रामाणिक सरस्वती का पानी भी एक साथ मिलता है जिसमें स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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13 जनवरी से शुरू या महाकुंभ में देश-विदेश से आए अभी तक तकरीबनहै, 6.30 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं,

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