मथुरा

मथुरा में यमुना नदी खतरे के निसार से ऊपर चारों तरफ तबाही ,

मथुरा में यमुना नदी खतरे के निसार से ऊपर चारों तरफ तबाही ,

मथुरा में यमुना कहर, इस बार की मासूम पहाड़ों से लेकर नदियों और गांव तक पूरा तबाह कर रखा है। यमुना नदी का जलस्तर आज 153.7 मीटर तक पहुंच गया है। बता दे उत्तर प्रदेश की मथुरा में यमुना नदी अपने खतरे के निशान से कई सेंटीमीटर ऊपर बह रही है और कई गांवों को अपनी गोद में समा ली है। यमुना नदी का लहर इतना तेज है कि आसपास पेड़ पौधे और घर मकान को भी बहा ले जा रही है। और कई रियासी इलाके भी यमुना नदी की चपेट में आ गए और सभी अपने घर से पलायन कर रहे हैं। स्थिति इतनी भयानक हो गई है कि लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है खुद का जीवन बचाएं या अपने घर मकान को बचाएं लोगों को बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ा है।

मथुरा

और इसी के साथ आगरा में भी यमुना नदी बहुत ऊफान पर है, यमुना नदी का पानी का जलस्तर इतना बढ़ गया है। कि तकरीबन 45 साल बाद यमुना नदी का पानी इतना बड़ा है जो आगरा के ताजमहल के दीवार के पास यमुना नदी का पानी बह रहा है। आखरी बार 1978 को यमुना नदी का पानी कितना बड़ा था इस बार 2025 में यमुना नदी का जलस्तर इतना बड़ा है कि ताजमहल तक पहुंच गया। इसको देखते हुए प्रशासन ने आगरा के ताजमहल के पास आने जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं ,और टूरिस्ट और स्थानीय लोगों को एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है।

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प्रेमानंद महाराज जी लिए बाढ़ का जायजा,

कृष्ण की नगरी पूरी तरह से जल मग्न हो चुकी है।मथुरा के प्रसिद्ध प्रेमानंद महाराज जी ने अपने ही ग्वालवालों को मुसीबत में देखकर बाढ़ के इलाकों में फंसे लोगों से मिले और उनको आश्वासन दिया कि वह धार रखें जल्द ही सब ठीक हो जाएगा। प्रेमानंद महाराज जी जो कभी अपने आश्रम से दूर नहीं जाते थे वह आज सभी को मुसीबत में देखकर बाढ़ का राजा लेते हुए एक दूसरे को धैर्य रखने की बात कही। मथुरा की गलियों में इतना पानी भर चुका है कि लोगों को अपने घरों से निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। और लोगों कोअपने घर को छोड़कर दूर जाकर रहना पड़ रहा है। लोगों की परेशानियां इतनी बड़ी हुई है कि लोग अपने घर में खाना तक नहीं बन पा रहे हैं पूरे घर में पानी ही पानी हो गया है।

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